ना प्रेम करों,
ना उपहास करों।
नारी तो देवी है,
पर,
ना चरण – स्पर्श करों।
ये तो माँ का सम्मान है,
ना माँ का नारी से तुलना करों।
माँ तो शक्ति हैं, माँ तो सत्य हैं,
माँ साक्षात् ब्रह्म है,
बस माँ का ही बंदन करों।
परमीत सिंह धुरंधर
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ना प्रेम करों,
ना उपहास करों।
नारी तो देवी है,
पर,
ना चरण – स्पर्श करों।
ये तो माँ का सम्मान है,
ना माँ का नारी से तुलना करों।
माँ तो शक्ति हैं, माँ तो सत्य हैं,
माँ साक्षात् ब्रह्म है,
बस माँ का ही बंदन करों।
परमीत सिंह धुरंधर
नए जवाहरलाल हैं,
अपने केजरीवाल।
सबको निकाल बहार करेंगे,
खुद करेंगे राज.
मुफ्त मिलेगा खाना सबको,
मुफ्त मिलेगा आनाज,
लेना है अगर सब मुफ्त तो,
फिर मत पूछो सवाल।
बोतल नयी है पर,
उसमे वो ही पुरानी है शराब।
तुम लो बस तीन आना,
और हम लगाएं गुलाब।
नए जवाहरलाल हैं,
अपने केजरीवाल।
सबको निकाल बहार करेंगे,
खुद करेंगे राज.
अन्ना को छोड़ा, भूषण को तोडा,
योगेन्द्र यादव को दी है लात.
आज भी नहीं सुधरेंगे तो,
कल ये भी हो जाएंगे श्यामा प्रसाद।
नए जवाहरलाल हैं,
अपने केजरीवाल।
सबको निकाल बहार करेंगे,
खुद करेंगे राज.
परमीत सिंह धुरंधर