आवो चलें मोहब्बत करें
उस दरिया के किनारे पे
जहां कृष्णा ने चुरा लिए थे
गोपियों के कपड़े।
आवो चलें मोहब्बत करें
हिन्द की उस सरहद पे
जिसे सींचा हैं
राजपूतों ने अपने रक्त से.
आवो चलें मोहब्बत करें
बिहार की उस धरती पे
जहाँ गुरु गोविन्द सिंह जी
अवतरित हुए
हिन्दू धर्म को बचाने।
आवो चलें मोहब्बत करें
पुणे शहर में
जहाँ प्रसिद्ध है अब भी
प्रोफेसर सीताराम के किस्से।
आवो चलें मोहब्बत करें
सिवान – छपरा की गलियों में
जहाँ गूजतें हैं आज भी
महेंद्र मिसिर – भिखारी के गानें।
आवो चलें मोहब्बत करें
पनियाडीह के खेतों में
जहाँ आज भी हरे – भरें हैं
धुरंधर सिंह के बगीचे।
आवो चलें मोहब्बत करें
Harvard Medical School में
जहाँ पागल है Crassa
प्यासा प्रेम में.
परमीत सिंह धुरंधर