महेंद्र सिंह धोनी ने कप्तान के रूप में अपने आखिरी भाषण में प्रवीण जी का नाम लिया। इसके तुरन्त बाद CCMB में लोगो में आश्चर्य और बिषमय का भाव आ गया. तुरंत CCMB से नीरव राव ने जर्मनी में अपने साथी मेवेन्द्र सिंह को फ़ोन लगाया।
नीरव : भाई तुम क्या कर रहे हो? यहाँ धोनी ने अपने भाषण में प्रवीण सिंह हजेरी को धन्यवाद दिया है. तुम इतना क्रिकेट खेले तो क्या कबाड़ लिए?
मेवेन्द्र सिंह: अरे ऐसा क्या? लेकिन प्रवीण जी का नाम क्यों आया? उन्होंने क्या किया है? साला मैंने तो Nature छापा हैं और अभी कल रात में Cell में पेपर सबमिट किया है.
नीरव राव: भाई इसमें मुझे लगता है परमीत का हाथ हैं. तीनो सिंह मिल कर तुम्हे अलग कर दिए.
एक काम करो. जल्दी से अपनी ३० लोगो के सीनेट की बैठक बुलावो।
मेवेन्द्र: अब सिर्फ २८ हैं. याद नहीं, दो लोग साथ नहीं दिए, वरना आज धोनी मेरा नाम लेता अपने भाषण में.
जल्दी से २८ लोगो की अंतरराष्ट्रीय बैठक बुलाई गयी. बैठक में धोनी के भाषण में, मेवेन्द्र सिंह का नाम नहीं रहने पे लोगो ने अपना गुस्सा व्यक्त किया। सबसे सीनियर दुबे जी ने धोनी को पत्र लिखा और कहा की मेवेन्द्र उनका छोटा भाई है. उसके लिए वो आखिरी पल तक लड़ेंगे। अतः धोनी जी आप फिर से एक भाषण दें और मेवेन्द्र का नाम नहीं लेने के लिए माफ़ी मांगे। धोनी के इनकार करने पे, दुबे जी ने तुरंत दूसरी मीटिंग बुलाई, और घोषणा की हम लोग धोनी का वीजा रुकवायेंगे ताकि वो इंग्लैंड ना जा सके चैंपियंस ट्रॉफी खेलने।
आखिरी समय तक पता नहीं चला की दुबे जी सफल हुए या नहीं, लेकिन धोनी ने जिस प्रवीण जी का नाम लिया वो CCMB के प्रवीण सिंह हजेरी नहीं वल्कि उत्तर प्रदेश के प्रवीण कुमार है. प्रवीण कुमार वो ही क्रिकेटर हैं जिन्होंने धोनी के नेतृत्व में खेला है अंतरराष्ट्रीय मैचों में.
परमीत सिंह धुरंधर