समर का शंखनाद


हर दिशा में गूंज रहा है समर का शंखनाद,
हवाओं में है बेचैनी, फिजाओं में है तनाव।
हर दिशा में गूंज रहा है समर का शंखनाद।
हर नजर लगी है बस समर की ही ओर,
की जल्दी ही होगी एक नयी भोर।
की कोई एक अकेला ही समर में इंद्रा होगा,
की समाप्त होगा जल्द ही वर्चस्व का ये विवाद।
हर दिशा में गूंज रहा है समर का शंखनाद।
हर दिशा में गूंज रहा है समर का शंखनाद।

परमीत सिंह धुरंधर