This year is very special for those who know DS2019. After this year, the new generation will know DS2019 but can not live in 2019 with DS2019.
Parmit Singh Dhurandhar
This year is very special for those who know DS2019. After this year, the new generation will know DS2019 but can not live in 2019 with DS2019.
Parmit Singh Dhurandhar
सैया मेरा काला – काला, काला – काला सा
चौसठ की उम्र में ढूंढे सोलह की बाला।
ढल गयी मेरी जवानी, चुल्लेह पे बैठे – बैठे
वो खाट पे बैठे – बैठे ढूंढे रोज मुर्ग – मशाला।
परमीत सिंह धुरंधर
जिंदगी के गम को कुछ यूँ भुलाता हूँ
अपनी सफ़ेद दाढ़ी पे उन के हुश्न का रंग लगाता हूँ.
परमीत सिंह धुरंधर
तन्हाइयों में शहनाइयाँ बजने लगे
मोहब्बत ऐसे मुकाम पे आ गयी है.
मैं मोदी सा खामोश हो गया
और वो ममता सी गठबंधन में आ गयी है.
परमीत सिंह धुरंधर
अजनबियों की दौलत मैं उठाता नहीं
और अपनों से मैं कुछ चुराता नहीं।
मेरा खुदा भी कहता है की Crassa
इस सांचे से फिर ऐसा कोई ढलता नहीं।
माना की विफल बहुत है जीवन में
मगर मयखाने में मंदिर, मंदिर में मयखाना
यूँ तो कोई और करता नहीं।
ईसा में राम, राम में ईसा
ऐसे तो कोई टूटा आशिक़ देखता नहीं।
परमीत सिंह धुरंधर
Let’s live together
To achieve something better
You are not alone
Don’t keep any fear
Because God is here.
God is here
To protect your smile
And make you happy
He is sending His blessing
Through the sun and the moon
Through the snow and the air
As God is here.
You call Him Jesus
For me, He is Rama
He is within you
He lives in my heart too
The whole world belongs to him
And we are just His flavors
So God is here.
Nothing can stop you
Until you give up
He has all plans for your success
He is always in your side
So don’t ask for any favor
God is here.
Parmit Singh Dhurandhar
ना मेरा शहर देख
ना मेरा सफर देख
देखना है तो बस
मेरा कर्म देख.
परमीत सिंह धुरंधर
मुझे रिश्तेदार बनाकर वो खुद गुनाहगार बन गया
अब किस्से चलेंगे उसके मेरे इश्क़ के.
जाने किसके लिए खुदा ने बनाया था उसे
मुझसे नजर मिलकार वो बदनाम हो गया
अब किस्से चलेंगे उसके मेरे इश्क़ के.
परमीत सिंह धुरंधर
ए औरत, तू भी क्या चीज़ है?
तुझे बेवफा बना के, खुद बीमार है खुदा।
परमीत सिंह धुरंधर
तुझे जवान करके, परेशान है खुदा
जिस रात से देखा है, हैरान है खुदा।
क़यामत लाने वाला, जाने कब लाएगा?
मगर आज क़यामत का शिकार है खुदा।
तेरे अंगों पे जब फिसलते हैं बादल की बूंदें
तो अपनी ही किस्मत पे शर्मशार है खुदा।
जन्नत खुद के लिए, और गरीबी इंसानों को दे दी
तेरे अंगों को चूमने के लिए, जन्नत लुटाने को तैयार है खुदा।
परमीत सिंह धुरंधर