लेह -लद्दाख -गलवान


कंकड़ -पत्थर पे हमारा शौर्य लिखा है
यहाँ कण-कण में, कण-कण के लिए
कुरुक्षेत्र रचा -बसा है.
यह सिर्फ मिट्टी नहीं, हमारी भक्ति है
जिसके प्रेम में हमने, बांसुरी और सुदर्शन
दोनों एक साथ शिरोधार्य कर रखा है.

Dedicated to the speech of our PM.

परमीत सिंह धुरंधर 

कुछ ऐसा कर दो मोदी जी


खेतों में पानी ला दो
और खलिहान में भर दो आनाज
कुछ ऐसा कर दो मोदी जी
की संसद में बैठें किसान।

मंदिर तो बनने से रहा
ना सुलझेगा काश्मीर
छोड़ो ये, कुछ ऐसा कर दो मोदी जी
की बच्चों के हाथों में हो किताब।

नारी निर्भीक हो जाए
ना कसे कोई उसपे लगाम
कुछ ऐसा कर दो मोदी जी
गावं – गावं हो जाए खुशहाल।

दवात-कलम से सजे हो गलियाँ
और बटती रहे घरों में मिठाइयाँ
कुछ ऐसा कर दो मोदी जी
फिर से जले पंजाब में सांझा – चूल्हा
और पके पकवान।

परमीत सिंह धुरंधर

डिंपल यादव – अखिलेश यादव


सखी, कैसे सुनाई आपन दुखड़ा
बारन अनाड़ी हमार सैंया।
सब कोई हो गइल भवसागर पार
मोदी – मोदी जाप के.
बस डूब गइलन हमार सैंया
फंस के महागठबंधन के माया-जाल में.

परमीत सिंह धुरंधर

मोदी विजय – गाथा 2019


मन भी समर्पित, तन भी समर्पित
ए धरती तेरे लिए.
लौट के फिर से आया हूँ
माँ, तुझको ही सजाने के लिए.

ख्वाब मेरा है, अरमान मेरा है
कोना – कोना लहलहा दूँ फसल से
विश्वास रखो भारत के किसानों
मोदी खड़ा है सिर्फ तुम्हारे लिए.

साँसे हैं जबतक इस तन में
ख्याल रखूंगा जन – जन का.
लौटा हूँ आशीष लेकर
बाबा केदारनाथ जी से
हिन्द के वीर जवानों के लिए.

मन भी समर्पित, तन भी समर्पित
ए धरती तेरे लिए.
लौट के फिर से आया हूँ
माँ, तुझको ही सजाने के लिए.

परमीत सिंह धुरंधर

हिन्द पे नरेंद्र फिर तुम्हारा राज हो


वसुंधरा पे वीर वही,
जो नित्य – नया प्रमाण दे.
हिन्द की इस धरती पे,
नरेंद्र फिर तुम्हारा राज हो.

एक नए युग का उदय हुआ,
जब नरसिंह तख़्त पे विराज हुए.
जागी फिर सोइ भारत की आत्मा
जब नरेंद्र तुम दहाड़ उठे.

हिन्द की इस धरती पे
फिर से वही दहाड़ हो.
हिन्द की इस धरती पे,
नरेंद्र फिर तुम्हारा राज हो.

परमीत सिंह धुरंधर