मोदी विजय – गाथा 2019


मन भी समर्पित, तन भी समर्पित
ए धरती तेरे लिए.
लौट के फिर से आया हूँ
माँ, तुझको ही सजाने के लिए.

ख्वाब मेरा है, अरमान मेरा है
कोना – कोना लहलहा दूँ फसल से
विश्वास रखो भारत के किसानों
मोदी खड़ा है सिर्फ तुम्हारे लिए.

साँसे हैं जबतक इस तन में
ख्याल रखूंगा जन – जन का.
लौटा हूँ आशीष लेकर
बाबा केदारनाथ जी से
हिन्द के वीर जवानों के लिए.

मन भी समर्पित, तन भी समर्पित
ए धरती तेरे लिए.
लौट के फिर से आया हूँ
माँ, तुझको ही सजाने के लिए.

परमीत सिंह धुरंधर

वोट देना है देश के लिए


हर तरफ है धुंआ – धुंआ, हर तरफ एक आग है
वोट देना है देश के लिए, यही आज की माँग है.

जिसने भेजा है उनको मंदिर-मंदिर, गुरुद्वारे
ये वही हैं जिन्होंने हिन्दू को कहा आतंकवाद है.

माँग रहे है वो स्मृति से हर पल उसकी शिक्षा का प्रमाण
जिनका हर प्रमाण -पत्र एक जालसाजी का निशान है.

हर चेहरा है कालिख से धुला, हर दामन में दाग है
वोट देना है देश के लिए, यही आज की माँग है.

परमीत सिंह धुरंधर

हिन्द पे नरेंद्र फिर तुम्हारा राज हो


वसुंधरा पे वीर वही,
जो नित्य – नया प्रमाण दे.
हिन्द की इस धरती पे,
नरेंद्र फिर तुम्हारा राज हो.

एक नए युग का उदय हुआ,
जब नरसिंह तख़्त पे विराज हुए.
जागी फिर सोइ भारत की आत्मा
जब नरेंद्र तुम दहाड़ उठे.

हिन्द की इस धरती पे
फिर से वही दहाड़ हो.
हिन्द की इस धरती पे,
नरेंद्र फिर तुम्हारा राज हो.

परमीत सिंह धुरंधर