माँ दुर्गा और श्री राम


प्रेम प्रुस्कृत नहीं हो सकता
सिंह भयभीत नहीं हो सकता।
तिमिर के शिविर में
एक दीप भी ग्रसित नहीं हो सकता।
माँ, माँ जब तक तुम हो संग मेरे
तुम्हारा राम कभी पराजित नहीं हो सकता।

Rifle Singh Dhurandhar

माँ मुझे विरक्ति दे


शक्ति दे
भक्ति दे
दे माँ
मुझे विरक्ति दे
काम से
क्रोध से
विश्राम से.

ज्ञान दे
अनसंधान दे
दे माँ
मुझे प्रमाण दे
श्रिष्टि का
समृद्धि का
कृति का.

अनुगृहीत कर दे
विकसित कर दे
कर माँ
मुझे तृप्त कर दे
अपनी माया से
अनुराग से
अपने प्रसाद से.

 

परमीत सिंह धुरंधर

बोलो जगदम्बे जय माँ अम्बे, दुःख हर ले मैया.


बोलो जगदम्बे जय माँ अम्बे, दुःख हर ले मैया.

आसुंवो की धरा, मन की ये  पीड़ा, सब हर ले मैया.
बोलो जगदम्बे जय माँ अम्बे, दुःख हर ले मैया.

कोई नहीं एसा हाँ तेरे जैसा, बिगड़ी बनाये सबकी.
भटके हुए हैं तेरे लाडले, इनको संभाल मैया.
बोलो जगदम्बे जय माँ अम्बे, दुःख हर ले मैया.
मन के आकर को, तन के विकार को, यैसे हर ले तू,
 सब हाँ सामान हों, कोई ना असमान हों, दर पे तेरे मैया.
परमित बोलो जगदम्बे जय माँ अम्बे, दुःख हर ले मैया.