शिव मेरी आत्मा
शिव मेरे पिता
शिव को पता है, मैं मांगता हूँ क्या?
दिल के ताड़ जुड़े शिव से
शिव हैं संसार मेरे
शिव को पता है, मैं मांगता हूँ क्या?
RSD
शिव मेरी आत्मा
शिव मेरे पिता
शिव को पता है, मैं मांगता हूँ क्या?
दिल के ताड़ जुड़े शिव से
शिव हैं संसार मेरे
शिव को पता है, मैं मांगता हूँ क्या?
RSD
पापी मन के पाप को हर के
तार दो मुझे नाथ मेरे।
सबकुछ पाकर भी ना संतोष हुआ
तृप्त करो मुझे नाथ मेरे।
राहें मिलती गयी, मैं भटकता गया
समझ ना पाया प्रभु आपकी माया।
चरणों में आपके शरणागत हूँ
कृपा करो अब नाथ मेरे।
RSD
आँखे मेरी, तुम्हारे दरस की प्यासी
प्यास मिटा दो हे अविनाशी।
सबको यहाँ, मिल गया कुछ -ना – कुछ
कब होगी प्रभु, हमपे कृपा तुम्हारी।
क्षमाप्राथी है ह्रदय मेरा, भुला कर पाप मेरे
अब तो चखा दो भांग अपनी ये मीठी।
कब तक रखोगे यूँ दूर-दूर अंक से अपने?
चरणों में तुम्हारे पिता, सिमटी है दुनिया ये सारी।
सबकुछ भुलाकर बस इतना ही चाहा
जन्म-जन्म तक धोता रहूं चरण तुम्हारी।
आँखे मेरी, तुम्हारे दरस की प्यासी
प्यास मिटा दो हे अविनाशी।
RSD
भोलेनाथ आपकी जो कृपा हो जाए
ये भगीरथ भी सनाथ हो जाए.
है जीवन में मेरे भी कुछ अभिलाषा हाँ प्रभु
आप देख लो, तो सारी ही पूर्ण हो जाए.
आप त्रिपुरारी, त्रिलोकी, महादानी भोलेनाथ
आप देख लो, तो रघुकुल का कल्याण हो जाए.
मैं तन्हा -तन्हा सा एक मुसाफिर हूँ भोला
मैं भटक रहा हूँ, इतना काफिर हूँ भोला।
बस दो ही पल संग मुझे बिठा ले ए भोला
आज भंगिया थोड़ा तो चखा दे ए भोला।
मैं लुटा-हारा सा एक स्वार्थी, तू महादानी ए भोला
मैं भटक रहा हूँ, इतना पापी हूँ भोला
बस दो ही घडी, चरणों में बिठा ले ए भोला
आज भंगिया थोड़ा तो चखा दे ए भोला।
मैं माया-मोह में तू निर्मोही ए भोला
मैं भटक रहा हूँ, इतना कपटी हूँ, भोला।
बस दो ही क्षण गले से लगाले ए भोला
आज भंगिया थोड़ा तो चखा दे ए भोला।
RSD
डिम -डिम डमरू बजावे ला हमार जोगिया
रे हमार जोगिया।
मंद -मंद मुस्काये ला हमार जोगिया
रे हमार जोगिया।
दिन-भर बसहा घुमाये ला हम्मर जोगिया
रे हमार जोगिया।
बस भांग-धतूरा ही चाहे ला हमार जोगिया
रे हमार जोगिया।
दिन-भर गंगा में नहाये ला हमार जोगिया
रे हमार जोगिया।
डम-डम डमरू बजावे हमार जोगिया
हमार जोगिया हो हमार जोगिया।
बस भांग-धतूरा से ही खुश हो जाए
हमार जोगिया हो हमार जोगिया।
अइसन सीधा नु बाटे हमार जोगिया।
हमार जोगिया हो हमार जोगिया।
दिन-भर नंदी संग घूमे ज्वार जोगिया,
हमार जोगिया हो हमार जोगिया।
माथे पे चंदा, ललाटे भभूत
देहिया पे भुजंग झुलावे हमार जोगिया।
हमार जोगिया हो हमार जोगिया।
RSD
टूटे हुए ह्रदय को, झंकार मिले तुमसे
तुम मेरे हो, मेरे शिव, ये अहंकार मिले तुमसे।
तुम अनंत, तुम असंख्य, मैं नगण्य एक धूल कण
तुम्हारे चरणों में रहूं, ये मान मिले तुमसे।
तन तो रहा न रहा, मन में तुम हो सदा,
डूबता ही जा रहा हूँ, ऐसे फंसा हूँ इसमें
आँखों को सुलभ नहीं दर्शन, पर आशीर्वाद मिले तुमसे।
कब तक मैं पुकारूँ, इतना तो बता दो पिता
और कुछ तो नहीं माँगा, बस लाड मिले तुमसे।
Rifle Singh Dhurandhar
मेरे दाता, विधाता, ऐसे भुला ना ये नाता
जग में मैं जी रहा हूँ, बस लेकर एक ही नाम.
मेरे शिव तुम्हे प्रणाम, मेरे भोले तुम्हे प्रणाम।
मेरे शिव तुम्हे प्रणाम, मेरे भोले तुम्हे प्रणाम।
हठ करे बालक तो ये तो जग की शोभा है
तुम पिता हो मेरे,खुद को हठ में न बांधों.
मेरी गलतियों को भुलाकर रखना मेरा ध्यान।
मेरे शिव तुम्हे प्रणाम, मेरे भोले तुम्हे प्रणाम।
एक विनती पे, भगीरथ के, तुम थे दौड़े आए
बाँध के गंगा को लहरों में, मेरे शिव थे तुम लहराए।
फिर क्यों हैं अनसुनी प्रभु मेरी हर पुकार?
मेरे शिव तुम्हे प्रणाम, मेरे भोले तुम्हे प्रणाम।
मैंने रखी है ह्रदय में हर पल तुम्हारी छाया
फिर तन-मन पे मेरे क्यों है, काम-क्रोध की माया।
हो मेरा भी उत्थान दे दो पिता ये आशीर्वाद।
मेरे शिव तुम्हे प्रणाम, मेरे भोले तुम्हे प्रणाम।
Rifle Singh Dhurandhar
गहन अध्ययन कर के विद्वान् बनूंगा
हे शिव मेरे, आशीर्वाद दो मुझे
की अब मैं भी महान बनूंगा।
अभी बालक हूँ, बालपन में भटकता हूँ
हे शिव मेरे, आशीर्वाद दो मुझे
मैं भी भगीरथ बनूंगा।
तुम त्रिकाल हो, त्रिपुरारी हो
तुम अनंत तक के विस्तार में
तुम ही गंगा, तुम्ही काशी
तुम जीवन की हर एक धार में
हे शिव मेरे, आशीर्वाद दो मुझे
विषपान कर मैं भी नीलकंठ बनूंगा।
Rifle Singh Dhurandhar