वो इंतज़ार करते हैं मौसम के बदलने का
हम इंतज़ार करते हैं उनके घूँघट के उठने का.
Rifle Singh Dhurandhar
वो इंतज़ार करते हैं मौसम के बदलने का
हम इंतज़ार करते हैं उनके घूँघट के उठने का.
Rifle Singh Dhurandhar
दरिया मुझे बेचैन कर के, चली सागर की ओर.
छोटी सी जिंदगी में, कितनी कच्ची है प्रेम की डोर?
Rifle Singh Dhurandhar
तेरा शौक ही तेरा इश्क है
नादाँ हैं वो, जिन्हे हुश्न से इश्क है.
Rifle Singh Dhurandhar
हे गोरी तेरी पतली कमर पे अब भी
रखता हूँ निशाना दिल का.
मैं टूटा हूँ फिर भी
ख्वाब टूटा नहीं है दिल का.
Rifle Singh Dhurandhar
टूटती हैं चूड़ियाँ मोहब्बत में
तकरार में, प्रहार ना कीजिये।
Rifle Singh Dhurandhar
यूँ कभी साजो की रात ठहर जाए
यूँ कभी मिलो की सफर ठहर जाए
Rifle Singh Dhurandhar
मुझे डुबाने के लिए ज़माने ने जब भी मशक्कत की
मैं उसकी लहरों पे और उभरा हूँ.
परमीत सिंह धुरंधर
मेरा इश्क़ समंदर है
और वो किनारा ढूंढती हैं.
Parmit Singh DHurandhar
ए दोस्त मोहब्बत में ये ख्वाब हमारा है
तू चाँद बने उस अम्बर का, जिसपे मेरा सितारा है.
परमीत सिंह धुरंधर
रंगे-हालात बदलते -बदलते, कुछ यूँ बदल गयी जिंदगी
जिन्हे छुपाते थे किताबों में, उन्हें अब अश्कों में बहाया जाएगा।
हमसे मत पूछो, खंजर था या गोली थी
अब तो इस मौत के बाद भी उसे नहीं भुलाया जाएगा।
परमीत सिंह धुरंधर