आँखों के सपने हजार बार टूटे,
फिर भी दिल धड़क ही जाता है प्यार में.
मेरे दर्द पे वो हजार बार मुस्कराती हैं,
पर दिल भूल ही जाता है उनके दीदार पे.
इश्क़ भी है अपना मरुस्थल जैसा,
जहाँ एक बून्द भी नहीं बारिश की.
पर देख कर हुस्न को,
दिल मयूर सा मचल ही जाता है प्यार में.
परमीत सिंह धुरंधर