खूबसूरत जिस्म पे जवानी का नशा
सखी, कटती नहीं रातें अब तो बालम बिना।
आँखों का काजल सुलगता है पूरी रात
जैसे जलता है मेरे कमरे में दिया।
परमीत सिंह धुरंधर
खूबसूरत जिस्म पे जवानी का नशा
सखी, कटती नहीं रातें अब तो बालम बिना।
आँखों का काजल सुलगता है पूरी रात
जैसे जलता है मेरे कमरे में दिया।
परमीत सिंह धुरंधर
मेरा वक्त तेरी बाहों में कुछ इस कदर फिसला
देख रह गया है मेरी किस्मत में बस अँधेरा।
परमीत सिंह धुरंधर
जब – जब कोयलिया कुहके बाग़ में
मन में हुक उठे ला.
दू गो हमार नैना राजा जी
विरह में पोखर पे सांझ ढले ला.
छोड़ दी शहर के कमाई
चारपाई भी चूल्हा के आग लागे ला.
परमीत सिंह धुरंधर
वक्त के बदलने से इंसान बदल सकता है
पर कर्म के बदलने से भगवान बदल सकता है.
परमीत सिंह धुरंधर
राम जी ने भी लक्ष्मण से कहा था, “मिट्टी में लोटना ज्यादा आनंददायक और मीठा है, वनिस्पत रण में दुश्मन को बांधना।”
परमीत सिंह धुरंधर
शहर समझता है नादान हमें
शहर को क्या पता?
रोशन है ये शहर हमसे।
सांझ ढले वो आ जाती है छत पे
बदनाम हम हैं, मगर वो भी कब से
हैं अपनी शराफत छोड़ चुके।
परमीत सिंह धुरंधर
इश्क़ मेरा समंदर सा था
मगर वो नहीं मानी।
क्यों की शक्लो-सूरत से
मैं बंदर सा था.
परमीत सिंह धुरंधर
ऐसी चढ़ी जवानी सखी,
की हाहाकार मचा दूंगी।
पतली कमर के लचक पे अपनी
सखी, चीत्कार मचा दूंगी।
तरस रहे हैं,
आरा – बलिया के बाबूसाहेब
मैं तो छपरा के धुरंधर
संग खाट बिछा लूंगीं।
मैं तो छपरा के धुरंधर संग
विवाह रचा लूंगीं।
आह उठने लगी है
मेरी गदराई जवानी पे.
खेत और खलिहान सब सखी,
अपनी चोली से सुलगा दूंगी।
तरप रहे हैं,
गोरखपुर – धनबाद के बाबूसाहेब
मैं तो छपरा के धुरंधर से
चोली सिला लूंगीं।
मैं तो छपरा के धुरंधर संग
विवाह रचा लूंगीं।
परमीत सिंह धुरंधर
मंडप से दुल्हन के भाग जाने पे कैसा लगता है? आज विराट कोहली को वैसा ही लग रहा है.
परमीत सिंह धुरंधर
People having birthday between 14 February and 14 March are lucky as they are born in the window which starts on the Valentine’s Day and ends on the Pi Day.
Parmit Singh Dhurandhar