हे गोरी तेरी पतली कमर पे अब भी
रखता हूँ निशाना दिल का.
मैं टूटा हूँ फिर भी
ख्वाब टूटा नहीं है दिल का.
Rifle Singh Dhurandhar
हे गोरी तेरी पतली कमर पे अब भी
रखता हूँ निशाना दिल का.
मैं टूटा हूँ फिर भी
ख्वाब टूटा नहीं है दिल का.
Rifle Singh Dhurandhar