वो अब लौट नहीं सकती
और मैं दिल बदल नहीं सकता।
पति, देवर, सास-ससुर, बच्चे
जिंदगी का हर रंग जिया उसने।
मैं उस मुकाम पे आ गया की
तन्हाई के सिवा कोई रंग
भर नहीं सकता।
Rifle Singh Dhurandhar
वो अब लौट नहीं सकती
और मैं दिल बदल नहीं सकता।
पति, देवर, सास-ससुर, बच्चे
जिंदगी का हर रंग जिया उसने।
मैं उस मुकाम पे आ गया की
तन्हाई के सिवा कोई रंग
भर नहीं सकता।
Rifle Singh Dhurandhar