प्यार


दिल, तोड़ कर, जा रहे हो जो तुम,
याद आएंगे बहुत, ये छुपा रहे हो तुम.
चंद लम्हों की ये मुलाकात नहीं,
जन्मो का प्यार ठुकरा रहे हो तुम.
मिट तो हम जाएंगे यूँ ही रो-रोकर,
चैन मिल न पायेगा तुम्हे, ये जानते हो तुम.

परमीत सिंह धुरंधर

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