मोहब्बत यहाँ पे, ना किसी की हुई है
ना कोई मोहब्बत में बसा ही कहीं हैं.
लगा लो हाँ दिल को घडी -दो -घडी बस
उम्र भर यहाँ तो ना कोई किसी का.
Rifle Singh Dhurandhar
मोहब्बत यहाँ पे, ना किसी की हुई है
ना कोई मोहब्बत में बसा ही कहीं हैं.
लगा लो हाँ दिल को घडी -दो -घडी बस
उम्र भर यहाँ तो ना कोई किसी का.
Rifle Singh Dhurandhar
बड़ी हसरत थी मोहब्बत मिले हमें
दीवानापन रास आये
ग़मे इश्क़ ही चाहें लेकिन
ताउम्र मोहब्बत
रुठी रुठी रही
और हम भटकते रहें जिंदगी सँवारे में।
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