मेरे मिटने से पहले सदियाँ बदलेगी
कुछ बदले या ना बदले
पर ये हवा बदलेगी।
सितम की इस दुनिया को
मेरा कोई सलाम नहीं।
घेर के बैठे हैं दरिया को
मिटती मेरी प्यास नहीं।
मेरी प्यास तो रही यूँ ही
मगर ये हुकूमत बदलेगी।
जो हुए ना कभी मेरे, उनकी यादे हैं दिल में
मैं बसाऊं तो घर भी तो क्या जुडी दीवारें हैं उनसे।
मैं तो बंजारा ही रहा, मगर ये सूरत बदलेगी।
RSD