मेरा कौवा काला – काला
ढूंढे कोई मधुशाला
जहाँ मदिरा हाँ पिलाये
कोई कमसिन सी एक बाला।
दो नयना हो तीखे – तीखे
और वक्षों के मध्या
चमके कोई छोटा
सा तिल एक काला।
फिर पंख फैला के
उड़ जाए आसमा में
चोंच के मध्या दबा के
चोली का कोई धागा।
The hotcrassa ia about me, my poems, my views, my thinking and my dreams.
मेरा कौवा काला – काला
ढूंढे कोई मधुशाला
जहाँ मदिरा हाँ पिलाये
कोई कमसिन सी एक बाला।
दो नयना हो तीखे – तीखे
और वक्षों के मध्या
चमके कोई छोटा
सा तिल एक काला।
फिर पंख फैला के
उड़ जाए आसमा में
चोंच के मध्या दबा के
चोली का कोई धागा।